एक समय में शरद पुर नामक एक सुंदर सा गांव था उस गांव में वीरेंद्र और अमला नामक पति पत्नी रहते थे उनके गौतम नामक एक बेटा था वो एक वकील था लेकिन उसने आज तक कभी कोर्ट में वकालत नहीं की है इसीलिए वो हमेशा इंतज़ार करता था कि कोई ना कोई उसे एक केस तो जरूर देगा 1 दिन जब वो वकील का कोट पहन कर तैयार होकर घर से बाहर जा रहा था तो उसके पिता उसे देखते हैं गौतम हर रोज़ तुम ये वकील का कोट पहनकर बाहर जाते हो लेकिन अब तक तुमने एक भी बार वकालत नहीं की है अगर किसी ने तुम्हें वकालत करने के लिए भी एक केस दिया तो वो भी तुम नहीं जीत पाओगे इसीलिए मेरा बात सुन कर तुम वकालत छोड़कर कोई काम देख लो कम से कम वैसे तुम कुछ पैसे कमा पाओगे पापा मुझे अब तक किसी ने कोई केस नहीं दिया इसीलिए आप ऐसे बात कर रहे हैं एक न एक जन जरूर मैं किसी ना किसी का वकालत करूँगा ही ओर वो केस में जीतूंगा भी तब आपको पता चलेगा ये कह के गौतम घर से बाहर चला जाता है कोई भी मेरे पास केस देने के लिए नहीं आ रहा है एक ना 1 दिन कोई ना कोई मुझे वकालत करने के लिए बुलाया गया है ऐसे जब वो सोच ही रहा था तो रास्ते में उसे उसका दोस्त वहाँ से चलते हुए नजर आता है अरे गौतम ऐसे क्यों बैठे हो कुछ नहीं किरण मैं वकील तो बन गया पर वकालत करने के लिए मुझे कोई भी एक केस नहीं दे रहा है ये कह के वो दुखी होता है गौतम एक नए दिन इस गांव में सभी को पता चल जाएगा कि तुम बहुत अच्छा वकील हो तब तक साहस से काम लेना और अपना कोशिश जारी रखना ठीक है किरण मैं चलता हूँ ये कह के गौतम वहाँ से चले जाता है ऐसे बहुत साल बीत जाते हैं और गौतम को कोई भी एक केस नहीं देता है और इस कारण वो बहुत निराश होता है 1 दिन वो दोपहर के समय में एक पेड़ के नीचे बैठता है क्या मैं अपने जीवन में एक भी किस लड़ूंगा ऐसे सोचते रहता है जब उसके पिता के दोस्त मोहन वहाँ से जा रहे थे उनको देख गौतम कहता है अरे मोहन अंकल इस तरफ से क्यों जा रहे हैं वैसे अंकल से बात करके बहुत दिन हो गए हैं उनके पास जाकर एक बार बात करूँगा ये सोच कर वो उनके पास जाते हैं अरे अंकल आप कैसे हो हाँ बेटा मैं ठीक हूँ गौतम अंकल आप इस तरफ क्यों आये हो वो मेरे भाई ने मुझसे मुझसे खेत लिया था खेती करने के लिए अब वो कह रहा है की वो सारे खेत उसीके है मैंने जब उसे ज़ोर से पूछा तो वो कह रहा था कि उस खेत के कागज भी उसी के पास है इसीलिए खेत सारे उसीके है उसी के बारे में वकील से बात करके वापस आ रहा हूँ लकर मैं भी तो वकील ही हूँ आपका केस आपके तरफ से मैं लडूंगा और इतना ही नहीं कुछ भी करके आपके खेत आपको आजायेंगे मैं ऐसा करूँगा तब सबको पता चलेगा कि मैं भी एक वकील हूँ और वो भी अच्छा वाला इसीलिए इस बार आप मुझपे भरोसा रखिये मैं आपका केस वकालत करूँगा गौतम तुमने अब तक एक भी केस का वकालत नहीं किया और यह तुम्हारा पहला केस होगा अगर तुम इस केस में हार गए तो मुझे बहुत दुखी होना पड़ेगा इसीलिए ये केस तुम्हें देने में मुझे सोचना पड़ेगा न्कल आप मुझपे भरोसा कीजिये कुछ भी करके आपके खेत आपको मिल जाएंगे गौतम अगर इतनी हिम्मत से कह रहा है तो लगता है वो जरूर जीतेगा ही और इतना ही नहीं उस बड़े वकील के पास जाऊंगा तो बहुत सारे पैसे देने होंगे और अगर इसको मैं एक मौका दूंगा तो कम पैसों में मामला निपट जाएगा ठीक है गौतम तुम पर भरोसा करके ये केस मैं तुम्हें दे रहा हूँ कुछ भी करके तुम्हें मेरे खेत मुझे वापस दिलाना होगा जी अंकल आप बस मुझपे भरोसा कीजिए ये कह के गौतम उस केस का वकालत करता है लेकिन वो उसका पहला केस होने के कारण वो जीत नहीं पाता है और मोहन को उसके खेत नहीं मिलते गौतम मैंने सोचा की कम पैसों में यह सारा मामला निपट जाएगा पर अब तुमने ये केस हारकर मुझे भी हरा दिया अब से तुम्हारे पास वकालत करने के लिए कोई भी नहीं आएगा ऐसे वो गुस्से में कह के वहाँ से चले जाते हैं और गौतम वहाँ बहुत निराश होता है और उसके घर वापस चले जाता है गौतम मेरे दोस्त ने तुम पर भरोसा करके तुम्हे ये केस दिया था और तुम इसमें हार गए मैंने कहा भी था पहले ही की अगर किसी ने तुम्हें केस भी दिया तो तुम वो कोर्ट में नहीं जीत पाओगे और तुमने मेरी बात नहीं सुनी और मेरे दोस्त का नुकसान करवाया कम से कम आप मेरा बात सुनो और वकालत छोड़कर मेरे साथ कोई काम करो ये कहने पर वो सबसे पहले केस हार जाने के दुख में घर पे ही रहता है और ऐसे बहुत दिन बीत जाते हैं 1 दिन निरंजन नामक एक आदमी गौतम के घर जाता है वकील साहब मैं आप ही के पास आया हूँ आपके बारे में मेरा बहुत सुना इसीलिए आपको ढूंढ के मैं यहाँ आया मेरा केस अभी कोई वकालत कर के लड़ना होगा और आपको जीतना ही होगा मेरी बीवी ने मुझे बहुत धोखा दिया उसने मेरी जायदाद को उसके हवाले कर दिया और वो भी मेरा हस्ताक्षर लेकर उसने मुझे बहुत बहुत धोखा दिया और अब वो कह रही है की उसे पता भी नहीं है मैं कौन हूँ और मेरी ही घर से मुझे बाहर निकाल दिया गया है कुछ भी करके आप ही को मुझे मेरा जायदाद दिलवाना होगा उस आदमी की बातें गौतम के बगल में मौजूद उसकी माँ सुनती है जी आप क्या कह रहे है भाई साहब आप खुद मुझे अपना केस की वकालत करने के लिए पूछ रहे हैं लेकिन मैं आपका केस का वकालत नहीं कर सकता क्योंकि अगर मैंने केस लिया भी तो कोर्ट में अगर मैं हार जाऊंगा तो मेरे साथ ही आपको भी बहुत निराश होना पड़ेगा बेटा पहला केस हार जाने के कारण इतना निराश मत हों इस बार तुम पक्का ये किस जीत जाओगे ठीक हैं माँ सिर्फ आपके लिए मैं कोर्ट ने इस केस का वकालत करूँगा वकील साहब अगर आपने कोर्ट ने इस केस का वकालत नहीं किया तो कोई मेरा सहायता करने के लिए आगे नहीं आएगा निरंजन साहब आपका केस में वकालत करूँगा और मैं बहुत कोशिश करूँगा कि हम जीत भी जाए लेकिन अगर हमने नहीं जीता तो कृपया आप दुखी मत हो ठीक है जी ये कहा के वो वहाँ से उसके घर चले जाता है कुछ दिन बाद गौतम निरंजन तहत केस का वकालत कोर्ट में करता है और वो केस जीतने जाता है और इसी कारण निरंजन को उसके पूरे जायदाद वापस मिल जाता है और वो बहुत खुश होता है कोर्ट में उसका केस जीतने के कारण दाऊद तुम उसके घर खुशी खुशी जाकर उसके माँ को जो कुछ भी हुआ बताता है माँ आप ही की वजह से मैंने कोर्ट में ये केस जीत लिया डेटा मुझे माफ़ करो मैंने तुम्हें कभी प्रोत्साहित नहीं किया और तुम्हे बहुत दुख पहुंचाया पापा अपनी जितनी भी बार मुझसे कहा कि मैं नहीं कर सकता हूँ मुझे तभी और लगता था कि मैं कर सकता हूँ और उसी वजह से आज मैं ये कोर्ट केस जीत पाया तब से गौतम कोर्ट ले लिए हर केस का वकालत करते हुए जीतते ही जाता है और उसके माता पिता के साथ हमेशा के लिए खुश रहता है