How to Become a Lawyer After 12th Complete Guide in Hindi

By | September 11, 2022

अगर आप को किसी की लीगल मिस्ट्री सॉल्व करना और दूसरों के राइट्स के लिए लड़ना अच्छा लगता है तो अब लॉ  (law) में करियर बना सकते हैं। आगे जानते है की How to Become a Lawyer

4 type of genaraly lawyes (How to Become a Lawyer)

  • Lawyers
  • Property
  • Marriage
  • Criminal offences

लीगल इश्यू सोल्यूशन प्रोवाइड करते है।

ऐसे में अगर आप एक लॉयर बनना चाहते हैं तो आज का ये आर्टिकल आपके लिए जिसमे हम आपको क्लास 12 पास करने के बाद लॉयर बनने का प्रोसेसेस बताने वाले है।

तो चलिए शुरू करते हैं क्लास 12 पास कर लेने के बाद अगर आप लॉ फील्ड को अपने कैरिअर के रूप में छूस करने का इरादा बना रहे हैं? तो आपको सबसे पहले लॉ में डिग्री लेनी होगी ,जो 5 इयर्स इंटिग्रेटेड की डिग्री होगी।

अगर आप ग्रैजुएशन के बाद लॉ की पढ़ाई करना चाहे तो आप 3 साल का LLB का कोर्स कर सकते इस वीडियो में हम इंटिग्रेटेड फाइव इयर्स लॉ कोर्स के जरिये लॉयर बनने का प्रोसिस जानेंगे , इस 5 साल की प्रोग्राम में BA,BBA,B.COM जैसे ग्रैजुएट प्रोग्राम और LLB डिग्री शामिल होते हैं, ऐसी कुछ कोर्सेज हैं BA LLB,BA LLB (Hons.),BLS LLBBBA LLB,BBA LLB (Hons.),B.COM LLB, B.COM LLB (Hons.)  इन course की ड्यूरेशन 5 साल होती है ,और आप क्लास 12 में साइंस ,कॉमर्स यां आर्ट्स, स्ट्रीम पास करने के बाद ,ये सारे courses कर सकते हैं जबकि B.Sc LLB और B.Sc LLB (Hons.)  करने के लिए आपको 12 क्लास science Stream से क्लियर करनी होगी, B.Tech LLB Course  के लिए आपको 12 साइंस स्ट्रीम से क्लियर करनी होगी ,और ये कोर्स 6 साल में कंप्लीट होगा फाइव इयर्स इंटीग्रेटेड एलएलबी कोर्स की फीस में कॉलेज और कोर्स के अकॉर्डिंग 30,000 से ₹3,00,000  पर annum तक वेरिएशन देखा जा सकता है, इस कोर्स में ऐडमिशन के लिए आपको एंट्रेंस एग्ज़ैम देना होगा जैसे

  1. CLAT – (Commen Low Admission Test)
  2. AILET – (All india Low Entrance Test)
  3. LSAT – (Low  School Admission Test)
  4. SET – (Symbiosis Entrances Test)

यहाँ पर आपको Clat Exam की थोड़ी जानकारी लेनी चाहिए क्योंकि National Level Entrance exam  के जरिए आप इंडिया की 21 national low univercity की UG और PG लॉ कोर्सेस में ऐडमिशन ले सकते हैं, CLAT Score को इंडिया के 50 से ज्यादा लॉ कॉलेजेस और यूनिवर्सिटीज़ भी एक्सेप्ट करते हैं एग्जाम साल में एक बार होता है इस एग्ज़ैम के लिए आपको ऑनलाइन ऐप्लिकेशन फील करना होगा और ये एग्ज़ैम ऑफलाइन होता है इस में अपीयर होने के लिए कोई एज लिमिट नहीं है और आप कितनी भी बार ये दे सकते हैं इस टेस्ट के लिए आपके क्लास 12 के 45% मार्क्स होने जरूरी है जबकि ऐसी कैटगरी के लिए 40% है।

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अब आगे बढ़ते हैं और आपको बता रहे हैं इंडिया की ऐसे लीडिंग कॉलेजेस के नाम जहाँ से आप integrated low course को कर सकते हैं।

  1. Symbiosis Low School यानी की (SLS) Noida Uttar Pradesh
  2. Guru Govind Singh indraprastha University (GGSIP) Dwarka, Delhi
  3. University of Petroleum & Energy Studies (UPES), Dehradun. Uttrakhand
  4. Jaipur national university (JNU) Jaipur, Rajasthan
  5. Alliance University, bangalore karnataka
  6. Amity University , Mumbai Maharashtra
  7. Teerthanker Mahaveer University (TMU), Moradabad,Uttar Pradesh
  8. Kalinga Institute of Industrial Technology (KIIT),Bhubaneswar,Odisha
  9. National Law School of India University (NUSIU),Bangalore,Karnataka
  10. Noida International University (NIU),Greater Noida, Uttar Pradesh

डिग्री कंप्लीट करने के बाद अब आगे स्टडी करना चाहे तो LLM यानी Low में मास्टर्स की डिग्री ले सकते हैं आप चाहे तो बिज़नेस ओरिएंटेड कोर्स जैसे M.B.A ,M.B.L(Master of Business Lows यानी मास्टर ऑफ बिज़नेस लॉस भी कर सकते हैं इस तरह LLB या LLM करने के बाद आप लॉयर बनने के लिए आप एलिजिबल हो पाएंगे जबकि लॉ में सर्टिफिकेट या डिप्लोमा करके आप लॉयर नहीं बन सकते हैं । लॉ ग्रैजुएट होने के बाद आपको अगले स्टेप पर बठना होगा यानी सीनियर ऐडवोकेट के पास किसी low firm internship को चित करनी होगी, इन्स्टिट्यूशन की गाइड लाइन के अकॉर्डिंग जनरली इंटर्नशिप ड्यूरेशन 1 महीने होती है। इसे आप फोर्स के दौरान भी कर सकते हैं कोर्स कंप्लेट होने के बाद भी इस के  बाद अगर आप इंडिया में लॉ की प्रैक्टिस करना चाहते हैं तो आपको एडवोकेट बनाना होगा। जिसके लिए अगले स्टेप खुद को एक एडवोकेट के रूप में स्टेट बार काउंसिल में एन रोल कर ना होगा।  यहाँ लॉयर और ऐडवोकेट के बीच के डिफेन्स को समझना भी आपके लिए जरूरी हैं इस लिए आप को बताते है के एडवोकेट ओ परसन है जो कोर्ट में केस लड़ता है।और वहाँ काउन्सल ऑफ इंडिया में रजिस्टर्ड होता है जबकि लॉयर ओ परसन है जो Businesses Firms & companies  को लीगल एडवाइस देता हैं लेकिन इस के केस को कोर्ट प्रेजेंट नहीं कर सकता। क्योंकि लॉयर लॉ में ग्रैजुएट तो होते हैं लेकिन बार काउंसिल ऑफ इंडिया में एनरोल नहीं होते है। ये तो आप समझ रहे होगी  कोर्ट में प्रैक्टिस करने के लिए आप को एडवोकेट बनाना होगा बार काउन्सल ऑफ इंडिया ने खुद को एनरोल करा ना होगा । इस रजिस्टर प्रोसेस के बाद आप को all india bar examination (AIBE) exam भी क्लियर कर ना होगा । तभी आपको सर्टिफिकेट ऑफ प्रैक्टिस मिलेगा। जिसके बाद आप कोर्ट में प्रैक्टिस के लिए येलीजेबल हो पाएंगे। AIBE Exam Offline होता है जोकि साल में 2 बार आता है।

इस तरह सर्टिफिकेट ऑफ प्रैक्टिस मिलने के बाद आपको बहुत से सेक्टर्स में S A Lawyer या Advoket Work कर सकते हैं. जेसेकी

  • कॉरपोरेट बिजनेस (Crporate Business)
  • मल्टीनैशनल कंपनी (Multi National Companies)
  • मीडिया & एंटरटेनमेंट हाउस  (media & ntertainment Houses)
  • इंजीनियरिंग फर्म्स  (Engineering Firms)
  • पॉलिटिक्स पार्टीज (Political Parties)
  • फाइनेंस कंपनी (finance Companies)
  • कंसल्टिंग फर्म्स (Consulting Firms)
  • कॉलेज & यूनिवर्सिटीज (Colleges and universities)

लॉ की कुछ कॉमन स्पेशलाइजेशन्स के बारे में भी आपको पता होना चाहिए।

  • Civil Low
  • Criminal Low
  • Tax Low
  • Intellectual Property Low
  • Corporate Low
  • Envionment

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