ATM card se insurance kese le in hindi
आपका एटीएम कार्ड सिर्फ पैसा निकालने के लिए एक काम में नहीं आता बल्कि ये आपका बीमा भी है , जैसे किसी दुर्घटना के होने पर मुआवजा मिलने का प्रावधान है फिर उसमें सभी बैंक अपने हर ग्राहक को जारी करने के साथ साथ ₹25,000 से लेकर ₹5,00,000 तक का बीमा उपलब्ध कराता है इस में विकलांगता से लेकर मौत होने पर भी मुआवज़े का प्रावधान लेकिन एक कड़वी सच्चाई ये है की लगभग 99% एटीएम भार को को इस योजना का पता ही नहीं है जबकि इस योजना को शुरू हुई कई साल हो चूके हैं।
बैंक द्वारा जिसदिन से एटीएम ग्राहक को दिया जाता है तब उसे यह बीमा पॉलिसी चालू हो जाती है ये बीमा बैंक की तरफ से ही करवाया जाता है और ग्राहक से इसके लिए कोई अतिरिक्त शुल्क भी नहीं लिया जाता है दरअसल इस पॉलिसी का मकसद एटीएम धारक के आश्रितों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है इस बीमा नियम के अनुसार अगर किसी एटीएम धारक की किसी दुर्घटना में मौत हो जाती है तो उसे हम भारत के परिवार के किसी सदस्य को दो महीने से लेकर पांच महीने के अंदर उस बैंक में जाना होगा जहाँ एटीएम भारत का खाता खोला था और वहाँ पर एक ऐप्लिकेशन फॉर्म भरना होगा यहाँ पर एक बात जानना ज़रूरी है की अगर किसी का एक से अधिक बैंक में खाता है तो हम उसे सिर्फ एक ही बैंक से मुआवजा मिलेगा.
किस ATM कार्ड का कितना मुआवजा मिलता है?
- मास्टर रक्षक लैस नं कार्ड पर ₹5,00,000
- प्लैटिनम कार्ड पर ₹2,00,000
- वीजा कार्ड पर ₹2,00,000
- क्लासिक कार्ड पर ₹50,000
- किसान डेबिट कार्ड पर ₹50,000
- पीएनबी मित्र कार्ड पर ₹25,000
जब कोई व्यक्ति बैंक के पास मुआवजा का दावा करने के लिए जाता है तो बैंड सबसे पहले ये देखता है क्या ATM का खाता ऐक्टिव है या नहीं ऐक्टिव खाता उसी को कहा जाता है जिसमें 45 दिन पहले ही एटीएम से कोई वित्तीय लेनदेन किया गया हो।
ये मुआवजा मिलने की सबसे पहली शर्त ये है की टीम भारत ने अपनी मौत से 45 दिन पहले उसे कीम से कोई वित्तीय लेनदेन अवश्य किया हो इसलिए अब आज ही अपनी ब्रांच से संपर्क सुनें और पता करे की जो एक किम कार्ड आपके पास है उस पर कितनी राशि यदि बैंक मोड़ देता है तो आप अपने सभी जरूरी दस्तावेजों के साथ उपभोक्ता अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं ये आपका कानूनी अधिकार है इसलिए इसका दावा करने से पीछे मत हटिए।